।। हरि: ॐ।।

‘अंबज्ञोऽस्मि’ ‘नाथसंविध्’ ‘अंबज्ञोऽस्मि’ का अर्थ है-मैं अंबज्ञ हूँ। अंबज्ञता का अर्थ है-आदिमाता के प्रति श्रद्धावान के मन में होनेवाली और कभी भी न ढल सकनेवाली असीम सप्रेम कृतज्ञता। (संदर्भ–मातृवात्सल्य उपनिषद्) नाथसंविध् अर्थात् निरंजननाथ, सगुणनाथ और सकलनाथ इन तीन नाथों की इच्छा, प्रेम, करुणा, क्षमा और सामर्थ्य सहायता इन पंचविशेषों के द्वारा बनायी गयी संपूर्ण जीवन की रूपरेखा। (संदर्भ–तुलसीपत्र १४२९)
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Monday, 14 December 2020
कथा-व्याहृति -०२ - भक्तिपथ पर ही चल - (नाना-नानी की कहानियाँ) (A Story in Hindi)
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Wednesday, 9 December 2020
Sunday, 20 September 2020
आजी आजोबा माझ्यासाठी देवदूत (Marathi)
।। हरि: ॐ ।।
20-09-2020
आजी आजोबा माझ्यासाठी देवदूत
आज माझ्या आईचा वाढदिवस, त्यानिमित्त तिच्या आईवडिलांचे म्हणजे माझ्या आजी-आजोबांचे कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करून त्यांच्यावर लिहिलेल्या या काही ओळी. माझ्या रामभक्त आईसाठी प्रभु श्रीरामचन्द्रचरणी हीच प्रार्थना की माझ्या आईला निरोगी उदंड आयुष्य लाभो.
Tuesday, 29 October 2019
Tuesday, 11 April 2017
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