।। हरि: ॐ ।।

‘अंबज्ञोऽस्मि’ ‘नाथसंविध्’ ‘अंबज्ञोऽस्मि’ का अर्थ है-मैं अंबज्ञ हूँ। अंबज्ञता का अर्थ है-आदिमाता के प्रति श्रद्धावान के मन में होनेवाली और कभी भी न ढल सकनेवाली असीम सप्रेम कृतज्ञता। (संदर्भ–मातृवात्सल्य उपनिषद्) नाथसंविध् अर्थात् निरंजननाथ, सगुणनाथ और सकलनाथ इन तीन नाथों की इच्छा, प्रेम, करुणा, क्षमा और सामर्थ्य सहायता इन पंचविशेषों के द्वारा बनायी गयी संपूर्ण जीवन की रूपरेखा। (संदर्भ–तुलसीपत्र १४२९)
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Thursday, 30 January 2020
करुणात्रिपदी पहला पद अध्ययन (हिन्दी) - Karunatripadi (Post in Hindi)
For Karunatripadi Engish - My Study Notes -
https://ambajnosmi.blogspot.com/2021/01/karunatripadi-1-my-study-notes-marathi.html
Monday, 23 July 2018
Saturday, 27 December 2014
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