‘अंबज्ञोऽस्मि’ ‘नाथसंविध्’ ‘अंबज्ञोऽस्मि’ का अर्थ है-मैं अंबज्ञ हूँ। अंबज्ञता का अर्थ है-आदिमाता के प्रति श्रद्धावान के मन में होनेवाली और कभी भी न ढल सकनेवाली असीम सप्रेम कृतज्ञता। (संदर्भ–मातृवात्सल्य उपनिषद्) नाथसंविध् अर्थात् निरंजननाथ, सगुणनाथ और सकलनाथ इन तीन नाथों की इच्छा, प्रेम, करुणा, क्षमा और सामर्थ्य सहायता इन पंचविशेषों के द्वारा बनायी गयी संपूर्ण जीवन की रूपरेखा। (संदर्भ–तुलसीपत्र १४२९)
Tuesday, 29 August 2017
Monday, 28 August 2017
Saturday, 26 August 2017
Friday, 25 August 2017
Tuesday, 22 August 2017
Monday, 14 August 2017
Friday, 11 August 2017
Saturday, 5 August 2017
Friday, 4 August 2017
करुणात्रिपदी पहिले पद - एक अभ्यास
।। हरि: ॐ ।।
04-08-2017
।।श्रीकरुणात्रिपदी।।
करुणात्रिपदी पहिले पद - एक अभ्यास
करुणात्रिपदी दुसरे पद - एक अभ्यास : भाग १
करुणात्रिपदी दुसरे पद - एक अभ्यास : भाग २
करुणात्रिपदी तिसरे पद - एक अभ्यास : भाग १
करुणात्रिपदी तिसरे पद - एक अभ्यास : भाग २
Thursday, 3 August 2017
Karuna-tripadi - English Transcription (Phoinetic)
।। हरि: ॐ ।।
03-08-2017
।।श्रीकरुणात्रिपदी।।
KaruNatripadee
(English Transcription) (Phonetic)
For Devanagari (Marathi) Script
Pl refere -
http://ambajnosmi.blogspot.in/2014/05/karunatripadi-post-in-marathi.html
For Hindi, Please refer - https://ambajnosmi.blogspot.com/2020/01/karunatripadi-post-in-hindi.html
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