‘अंबज्ञोऽस्मि’ ‘नाथसंविध्’ ‘अंबज्ञोऽस्मि’ का अर्थ है-मैं अंबज्ञ हूँ। अंबज्ञता का अर्थ है-आदिमाता के प्रति श्रद्धावान के मन में होनेवाली और कभी भी न ढल सकनेवाली असीम सप्रेम कृतज्ञता। (संदर्भ–मातृवात्सल्य उपनिषद्) नाथसंविध् अर्थात् निरंजननाथ, सगुणनाथ और सकलनाथ इन तीन नाथों की इच्छा, प्रेम, करुणा, क्षमा और सामर्थ्य सहायता इन पंचविशेषों के द्वारा बनायी गयी संपूर्ण जीवन की रूपरेखा। (संदर्भ–तुलसीपत्र १४२९)
Saturday, 30 June 2018
Friday, 22 June 2018
Thursday, 21 June 2018
Wednesday, 20 June 2018
Tuesday, 19 June 2018
Monday, 11 June 2018
Shree Shivagangagauri-gada-stotram Phonetic Transcription (English)
।। हरि: ॐ ।।
11-06-2018
श्रीशिवगंगागौरी-गदास्तोत्रम्
Shree Shivagangagauri-gada-stotram Phonetic Transcription (English)
For Shree Shivagangagauri-gada-stotram Hindi Trnslation, Please refer - http://ambajnosmi.blogspot.com/2016/05/shivagangagauri-gadastotram-sanskrit.html
For Shree Shivagangagauri-gada-stotram Marathi Trnslation, Please refer - http://ambajnosmi.blogspot.com/2016/07/shivagangagauri-gadastotram-sanskrit.html
Thursday, 7 June 2018
गीत किस्से कहानियाँ यादें ... शहद की बूँदें ... ३२- सावन के झूले पड़े (आनन्द बक्षीजींची कार्याशी बांधीलकी)
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