‘अंबज्ञोऽस्मि’ ‘नाथसंविध्’ ‘अंबज्ञोऽस्मि’ का अर्थ है-मैं अंबज्ञ हूँ। अंबज्ञता का अर्थ है-आदिमाता के प्रति श्रद्धावान के मन में होनेवाली और कभी भी न ढल सकनेवाली असीम सप्रेम कृतज्ञता। (संदर्भ–मातृवात्सल्य उपनिषद्) नाथसंविध् अर्थात् निरंजननाथ, सगुणनाथ और सकलनाथ इन तीन नाथों की इच्छा, प्रेम, करुणा, क्षमा और सामर्थ्य सहायता इन पंचविशेषों के द्वारा बनायी गयी संपूर्ण जीवन की रूपरेखा। (संदर्भ–तुलसीपत्र १४२९)
Wednesday, 26 June 2019
मैत्रीच्या पावसात भिजवणारा आनंदऋतु (Marathi)
Friday, 21 June 2019
पहिल्या पावसाची झळ (Marathi)
।। हरि: ॐ ।।
21-06-2019
पहिल्या पावसाची झळ
पहिला पाऊस हा सर्वांच्याच जिव्हाळ्याचा विषय. पहिल्या पावसाचा मृद्गन्ध, पहिल्या पावसात भिजणे, पहिल्या पावसाच्या आगमनाचा आनन्द, तर कधी कधी काही जणांसाठी पहिल्या पावसामुळे अन्तरात लागलेली हुरहूर.
पहिल्या पावसाच्या अनेक आठवणी.
उत्तम लेखक असणारा माझ्या मित्र डॉ. सुनील घोडके याने पहिल्या पावसाच्या आठवणींसंबंधीची एक फेसबुक पोस्ट २०१७ साली टाकली होती.
त्यावेळी ती माझ्या वाचनात आली नाही, पण या वर्षी त्याने त्या पोस्टची लिंक शेअर केली, तेव्हा मी ती वाचली आणि ती वाचल्यावर सद्गुरुकृपेने माझ्या मनात बरसलेले शब्दबिन्दु येथे देत आहे, पण त्या आधी माझ्या मित्राची पोस्ट अवश्य वाचावी.
माझा मित्र डॉ. सुनील घोडके याच्या लेखाची लिंक आहे -
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Thursday, 20 June 2019
Monday, 17 June 2019
Sunday, 9 June 2019
बॉक्स ऑफिस - ०४ द टर्मिनल (२००४) - लेख क्र. ३ (Post in Hindi)
।। हरि: ॐ ।।
09-06-2019
बॉक्स ऑफिस -०४
द टर्मिनल (२००४)
लेख क्र. ३
आदमी मुसाफिर है, आता है जाता है, आते जाते रस्ते पर यादें छोड़ जाता है|यह फिल्म हमारे दिल के टर्मिनल में सदा के लिए बस जाती है और
मीठीं यादें छोड़कर इस दुनिया रूपी टर्मिनल को छोड़ने की राह दिखाती है,
प्रेम की गरिमा, प्रेम की अतुलनीय ताकत महसूस कराती है|Saturday, 8 June 2019
बॉक्स ऑफिस - ०३ द टर्मिनल (२००४) - लेख क्र. २ (Post in Hindi)
।। हरि: ॐ ।।
08-06-2019
बॉक्स ऑफिस -०३
द टर्मिनल (२००४)
लेख क्र. २
आदमी मुसाफिर है, आता है जाता है, आते जाते रस्ते पर यादें छोड़ जाता है|यह फिल्म हमारे दिल के टर्मिनल में सदा के लिए बस जाती है और
मीठीं यादें छोड़कर इस दुनिया रूपी टर्मिनल को छोड़ने की राह दिखाती है,
Thursday, 6 June 2019
बॉक्स ऑफिस - ०२ द टर्मिनल (२००४) - लेख क्र. १ (Post in Hindi)
।। हरि: ॐ ।।
06-06-2019
बॉक्स ऑफिस -०२
द टर्मिनल (२००४)
लेख क्र. १
द टर्मिनल (२००४) यह हॉलिवुड की फिल्म देखने के बाद ऐसा विचार मन में आता है कि
यह दुनिया एक टर्मिनल ही तो है, सबको सफर तो करना ही पड़ता है,
कौन है जो टर्मिनल पर सदा के लिए रहता है,
फिर इस सफर में क्यों न व्हिक्टर की तरह मीठीं यादे छोड़कर आगे बढ़ा जाये,
हर मुश्किल को अवसर समझकर आगे बढ़ा जाये,
सब से बढ़कर रहने वाली दिल की भाषा समझकर सबके साथ प्रेम का रिश्ता मज़बूत कर लिया जाये
और
जो हमसे प्यार करते हैं उनके सपनों को सच करने का निश्चय कर लिया जाये!
आदमी मुसाफिर है, आता है जाता है, आते जाते रस्ते पर यादें छोड़ जाता है|
यह फिल्म हमारे दिल के टर्मिनल में सदा के लिए बस जाती है और
आदमी मुसाफिर है, आता है जाता है, आते जाते रस्ते पर यादें छोड़ जाता है|
यह फिल्म हमारे दिल के टर्मिनल में सदा के लिए बस जाती है और
मीठीं यादें छोड़कर इस दुनिया रूपी टर्मिनल को छोड़ने की राह दिखाती है,
प्रेम की गरिमा, प्रेम की अतुलनीय ताकत महसूस कराती है|
Tuesday, 4 June 2019
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