हरि: ॐ
10-05-2014
बधाई हो माँ
मुबारक़ हो माँ तुम्हें तुम्हारी सालगिरह ।
फूलों की पंखुडियों से सजी रहें तुम्हारी हर राह ।।
आज के इस शुभ अवसर पर हम तुम्हें बधाई देते हैं ।
माँ हम तुम्हें सदा मुस्कुराता हुआ देखना चाहते हैं ।।
बड़ी माँ चण्डिका सुनो, तुम सबकी झोली भर देती हो ।
आज हमारी बस यही मन्शा शीघ्र ही पूरी कर दो ।।
सदा हमारी माँ का दामन खुशियों से भरा रहें ।
हमें छॉंव देनेवाली माँ पर आचल तुम्हारा सदा रहें ।।
दिल में मुबारक़बात की महकती फुलवारी खिली है ।
हम खुशनसीब हैं, हमें तुम जैसी माँ जो मिली है ।।
आँखों में तुम्हीं ने रोशन किये दो चिराग जल रहे हैं ।
ए माँ तेरी आरती उतारने तेरे चरणों में आये हैं ।।
माँ तेरे बच्चें आज बस यही दुआ करते हैं ।
हमारी उम्र तुम्हें लग जाये, तुम्हारी नज़र उतारते हैं ।।
दुनिया की सारी खुशियॉं माँ हम तुम्हें देना चाहते हैं ।
तेरी ममता के ऋण में माँ हम सदा रहना चाहते हैं ।।
ए माँ हम ने तुम में भगवान की सूरत देखी है ।
हम कैसे कहें कि बस हम ने प्रभु की मूरत देखी है ?
सब कुछ तुमसे ही पाया है, कोई तुम्हें भला क्या दे सकता है ?
हर जनम में तेरी गोद मिलें, बस इतनी ही योगी की ख़्वाहिश है ।।
अंबज्ञोऽस्मि ।
।। हरि: ॐ ।।