‘अंबज्ञोऽस्मि’ ‘नाथसंविध्’ ‘अंबज्ञोऽस्मि’ का अर्थ है-मैं अंबज्ञ हूँ। अंबज्ञता का अर्थ है-आदिमाता के प्रति श्रद्धावान के मन में होनेवाली और कभी भी न ढल सकनेवाली असीम सप्रेम कृतज्ञता। (संदर्भ–मातृवात्सल्य उपनिषद्) नाथसंविध् अर्थात् निरंजननाथ, सगुणनाथ और सकलनाथ इन तीन नाथों की इच्छा, प्रेम, करुणा, क्षमा और सामर्थ्य सहायता इन पंचविशेषों के द्वारा बनायी गयी संपूर्ण जीवन की रूपरेखा। (संदर्भ–तुलसीपत्र १४२९)
Friday, 27 July 2018
Wednesday, 25 July 2018
Tuesday, 24 July 2018
Monday, 23 July 2018
Thursday, 19 July 2018
माँ ने कहा था इसलिए (Post in Hindi)
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Saturday, 7 July 2018
Friday, 6 July 2018
Ayurveda-Swardhuni-021- निरुक्तिरपि लक्षणं भवति - माधवनिदान मधुकोश टीका (sanskrit- Hindi)
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Tuesday, 3 July 2018
Monday, 2 July 2018
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