।। हरि: ॐ ।।
21-05-2019
हनुमानजी ही सबसे सुन्दर
श्रद्धावान मित्रगणों को सादर अभिवादन! हिन्दी मेरी मातृभाषा तो नहीं है, परन्तु अत्यन्त प्रिय भाषा है। सन्तश्रेष्ठ श्री तुलसीदासजी मेरे अत्यन्त प्रिय सन्त हैं और उनके द्वारा विरचित श्रीरामचरितमानस का सुन्दरकाण्ड, हनुमानचलिसा इनका पाठ करते करते और सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी द्वारा दैनिक प्रत्यक्ष में प्रकाशित हो रही सुन्दरकाण्ड पर आधारित तुलसीपत्र इस अग्रलेखमाला को पढते पढते रामदूत हनुमानजी के प्रति जो प्रेम हृदय में प्रवाहित हुआ, उसे इस रचना में अपने बालसुलभ शब्दों के द्वारा प्रकट किया है, अत एव मुझसे लेखन में कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमाप्रार्थी हूँ।